राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना । भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥ नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं । Those struggling from emotional leathery or https://webdirectory7.com/listings13174616/hanuman-chalisa-an-overview